जैसा कि आप सभी को भी डर लगता ही होगा किसी न किसी बात के लिए | लेकिन लोग अच्छी चीजों को करने से भी डरते है | जैसे कि लोगों के सामने बोलने में |
मैं अपने life की reality बता रही हूँ | मुझे तो अपने डर को दूर करने के इतने मोके मिले है पर लोग क्या कहेगे? क्या सोचेगे? वगेरह – वगेरह चीजो के कारण में अपने डर को दूर न कर सकी |
एक दिन हमारे school में एक sir आय थे, जिनका नाम Sachin Yadav था | उन्हों ने हमें ज्यादा कुछ नही बस इतना ही कहा था कि सभी बच्चे एक एक कर के नाम और अपना Aim, Goal, Dream किसी के भी बारे में बताओ |
मुझे इतना तो पता था की मै बोल तो में लूंगी, पर लोग क्या कहंगे? इस कारण में नहीं गई | उनके आने से पहले भी बहुत लोग हमारे school में आये, गये but मै आगे जाकर कुछ बोलने का हौसला न जुटा पाई | पर हाँ, अब मुझे लगता है कि मैं सभी का सामने बोल सकती हूँ |
हमारे principal sir हमें हर बार हमारे class में आकर सभी students को कहते है कि बोलो एक बार तो बोलो ! लोगो का क्या है? वो लोग तो हँसते ही रहते है | अगर तुम सब public के सामने एक बार, या दो बार, ज्यादा से ज्यादा तीन बार बोलो | अगर तुम बोलना शुरु करोगे तो मुझसे garanty ले लो की तुम कभी नही डरोगे और तुम्हारे पैर भी कभी नहीं कापेंगे |
आखिर में अब मुझे अपने आप पर पूरा विश्वास है कि मै एक से दो बार डरूंगी पर मै अपने मन का डर जरुर दूर करुँगी | मेरे मन में विश्वास लाने के लिय में अपने principal sir की बहुत ज्यादा शुक्रमंद हूँ | हमारे sir बहुत अच्छे है जो कि सभी बच्चों को एक समान देखते है और आगे बढ़ने में सब की सहायता करते है | मुझे अपने principal sir बहुत अच्छे लगते है |
बहुत बार ऐसा होता है की मौक़े हमारे पास से आकर चले जाते है।बहुत से स्टूडेंट्स सिर्फ़ इसलिए लोगों के सामने बोलने में हिचकिचाते है क्यूँकि वे डरते है। कि लोग हसेंगे । मगर मैं जानता हूँ कि बिना इस डर का सामना किए कोई सफल वक्ता या व्यक्ति नहीं बन सकता। मैं कशिश के इस article के लिए उसका धन्यवाद करता हूँ । कि उसने हिम्मत जुटा कर अपने पब्लिक स्पीकिंग के डर को ख़त्म करने का निर्णय किया।
Ajit Gupta
Thanks for this article
Kashish Singh
Class – 8th
Right try again try again