मेरे पापा

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मेरे पापा ठेकेदार है और मुझे इससे ख़ुशी होती हैं क्योंकि मैं अगर किसी से कहती हूँ कि मेरे पापा ठेकेदार है तो मुझे इससे शर्मिंदगी महसूस नहीं होती और न ही मुझे आज तक इस बात का अफसोस हुआ कि मेरे पापा कोई बड़ा काम क्यों नहीं करते?

मुझे मेरे पापा के काम के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है | मेरे पापा गत्ते का काम करते है और मुझे पता है कि पापा को काम में कितनी मेहनत करनी पड़ती है | क्योकि ठेकेदारी कोई आसान काम नहीं होता और सब को संभालना तो बहुत ही मुश्किल होता है | मेरे पापा जहाँ काम करते हैं वहां 20 – 25 लोग काम करते हैं और उन सभी लोगों को सम्भालते हैं | पापा को आर्डर लेने के लिए यहाँ से वहाँ जाना पड़ता है | पापा के पास गाड़ी नही है । वो जहाँ भी जाते हैं साईकल से ही जाते हैं | थोड़ी दूर तो साईकल से जाना आसान है पर ज्यादा दूर………।

मेरे पापा मुझे इसलिए भी ज्यादा पसंद हैं क्योंकि देर से या जल्दी से वो मेरे सारी जरूरते पूरी करते हैं | एक महीने पहले कि बात हैं, मैंने अपने पापा को बोला मुझे बैडमिंटन चाहिए और अगले ही दिन जब पापा को समय मिला उन्होंने बैडमिंटन ला भी दिया | 

बचपन में मेरे बहुत कुछ बनने का सपना था जो धीरे-धीरे लगा की वो में नहीं बन पाऊँगी | मैं बिना किसी Aim, Goal और Dream के थी | दो- तीन साल पहले मेरे पापा ने बोला था की तुम फौज की तैयारी करो तो अब जो पापा चाहते हैं मै वही बनना चाहती हूँ और मैं अपने पापा के लिए वो बनूँगी | 

मैंने इसमे जितना भी लिखा उसमे दुःख की बात नहीं लिखी | क्योंकि पापा की मेहनत के कारण ही न मुझे कभी दुःख हुआ और न ही किसी चीज की कमी महसूस हुई,  इसलिए मेरे पापा बहुत अच्छे हैं | 

खुद धूप में रह कर

हमें ठंडी छाया देते है पापा

खुद भूखे रह कर

हमें भर पेट खाना देते है पापा

अपनी ख़ुशियों को छोड़ कर

हमारी ख़ुशियों में पूरी जिंदगी गुजार देते है पापा

कोई त्योहार, नया साल कुछ भी हो

अपने पुराने कपड़े पहन कर

हमारे लिए नए कपड़े खरीदते है पापा

नीम के पेड़ जैसे होते है पापा

नीम की पत्तियाँ कितनी भी कड़वी क्यों न हो

लेकिन वह हमेशा ठंडी छाया देती है

ऐसे ही होते है पापा

दिखाते तो है की वह बहुत सख्त है

लेकिन दिल के नरम होते है

अपना दुःख बच्चों से न  बाँट कर दिखाते है

कि कितने खुश है पापा

एक पापा ही है जो सोचते है की हमारा बच्चा मुझसे भी आगे जाए एक ऐसी मुकाम पर पहुचे जहां उनको इज्जत मिले और गरीबी उनसे दूर रहे हम चाहे जहाँ  भी रहे हमारे खुश रहने के लिए दुआ करते है ।

Anu Chaudhari (Student of 8th class) – for the article

Kajala Kumari (Student of 9th class) – for the poem

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